Wednesday, May 30, 2012

बेटी

बेटी
 ये जो आसमान की परी है
बारूद से भरी है
बजायेगी इन्किलाब का बिगुल
 चकित माँ-बाप को गज़ब लगेगा बच्ची का शगुल
होगी जब लाल फरारे की अगली क़तार में
माँ-बाप ने सोचा भी नहीं ऐसा कल्पना के रफ्तार में

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