पत्रकार, मित्र, Daya Shankar Rai की पोस्टः
"भक्ति में डूबे यूनिवर्सिटी-कॉलेज के अध्यापक जी लोग क्या कबीर के राम को भूल चुके हैं..?आखिर वे कबीर को पढ़ाते कैसे होंगे..?"
पर कमेंट
वे कबीर को तुलसी के माध्यम से पढ़ाते होंगे और कबीर से भी जयश्रीराम का नारा लगवाते होंगे। मैंने 1991 में (बाबरी विध्वंस से लगभग साल भर पहले 'कबीर कौन था?' शीर्षक से नव भारत टाइम्स के आठवां कॉलम में एक व्यंग्य लिखा था, जिसमें नवजागरण पढ़ाते हुए कबीर का जिक्र करने से एक शिक्षक को नौकरी से हाथ गंवाना पड़ता है। वह समय तो इस समय का हल्का पूर्वाभास भी नहीं था।
Wednesday, January 17, 2024
शिक्षाऔर ज्ञान 338 (तुलसी-कबीर)
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