Tuesday, April 18, 2023

फुटनोट 370 (दंगा)

 दंगे होते नहीं कराए जाते हैं, कोई भी दंगा अप्रायोजित नहीं होता और यदि सरकार चाहे तो ज्यादा-से-ज्यादा आधे घंटे में रोके जा सकते हैं, यदि कोई दंगा 3 महीने तक चलता रहे तो उसका मतलब उसके पीछे सरकार का हाथ है। दंगे सांप्रदायिक चुनावी ध्रुवीकरण के कारगर औजार हैं। 2002 का नरसंहार न होता तो न तो गुजरात में भाजपा सरकार बनती न देश में। ध्रुवीकरण बरकरार करने के लिए मॉब-लिंचिंग और कानूनेतर हत्याओं का क्रम जारी रखा जाता है। सांप्रदायिकता धार्मिक नहीं राजनैतिक विचारधारा है।

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