अस्मितावाद की विभिन्न अभिव्यक्तिया सामाजिक चेतना के जनवादीकरण के रास्ते के सबसे बड़े गतिरोधक हैं। ये हैं -- ब्राह्मणवाद (वर्णाश्रमी जातिवाद, जिसकी राजनैतिक अभव्यक्ति हिंदुत्व है) और नवब्रह्मणवाद (जवाबी वर्णाश्रमी जातिवाद)। जन्म के आधार पर व्यक्तित्व का मूल्यांकन ब्राह्मणवाद का मूलमंत्र है और ऐसा करने वाला असवर्ण नवब्राह्मणवादी है। ब्राह्मणवाद और नवब्राह्मणवाद एक दूसरे के विरोधी नहीं पूरक है। अस समय की जरूरत आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय के आंदोलनों की द्वंद्वात्मक एकता है -- जय भीम-- लाल सलाम। सांप्रदायिकता और जातिवाद का एक जवाब -- इंकिलाब जिंदाबाद।
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