Friday, April 8, 2022

सरहदें बांटती हैं दिलों को

 सरहदें बांटती हैं दिलों को

मिटाकर सरहदें कितनी भव्य होगी दुनिया

मिट जाएंगी दूरियां दिलों की

पल्लवित होगी

एक खूबसूरत सामासिक संस्कृति

पनपेंगे जिनमें पौध वसुधैव कुटुंबकं के

नफरत के विनाश से गमक उठेगा मुहब्बत का कायनात

No comments:

Post a Comment