15 वीं शताब्दी में कल्पना किया था थॉमस मूर ने
15 वीं शताब्दी में कल्पना किया था थॉमस मूर ने
जब राग-द्वेष से मुक्त गणतंत्र यूटोपिया का
सोचा न होगा कि बन जाएगा यह पर्याय असंभाव्यता का
मानव-विशिष्ट प्रवृत्ति है कल्पना शक्ति
कल्पना में बनाता है भवन वस्तुकार
उतारता है कल्पना को कागज पर
फिर देता है उसे धरती पर आकार
और होती है उसकी कल्पना साकार
देखकर पक्षियों की उड़ान
बनाया था हमारे पूर्वजों ने कल्पना में पुष्पक विमान
झेला होगा असंभव वाहन बनाने के तंज का अपमान
जब उनके वंशजों ने दिया उनकी कल्पना को कार्यरूप
असंभव ने ले लिया तरह तरह के ठोस स्वरूप
आकाश को पार कर गयी भविष्य की पीढ़ियों की उड़ान
बना लिया गया है अब धरती की परिधि से परे अंतरिक्ष यान
जब तक ठोस रूप लेती नहीं कल्पना
कहलाती है यूटोपिया और लेते नहीं लोग संज्ञान
मगर हर पीढ़ी रचती है भविष्य की यूटोपिया
बनती है वह हकीकत भरती हैं उसमें जब नई पीढ़िया नई उड़ान।
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