Thursday, June 23, 2016

आपतकाल-विरोध दिवस

आपतकाल-विरोध दिवस पर जनहस्तक्षेप और पीयूसीएल का आमंत्रण
प्रिय मित्र,
25 जून, 2016 को देश में आपतकाल लगाए जाने की 41वीं सालगिरह है। वर्ष 1975 में आपतकाल कांग्रेस के नेतृत्व वाले शासक वर्ग के एक खास तबके ने लगाया था। इसका निशाना श्रमजीवी आबादी के अलावा शासक वर्ग के विपक्षी तबके भी थे। इसलिए शासक वर्ग के एक बड़े तबके ने भी इस फासीवादी हमले के खिलाफ लड़ाई की जरूरत महसूस की थी। लेकिन 41 साल बाद, मौजूदा समय में देश में जो अघोषित आपतकाल दिखाई दे रहा है उसके बारे में शासक वर्ग के सभी तबकों में जबर्दस्त एका है। वे सब जनविरोधी आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाने की अपनी मुहिम में श्रमजीवी आबादी के दमन के लिए एकजुट हैं। 

केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के सत्ता संभालने के बाद से जनविरोधी आर्थिक नीतियों को लागू करने की रफ्तार और जनता के विभिन्न तबकों के दमन में तेजी आई है। मोदी सरकार हिंदुत्व के अपने फासीवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के क्रम में विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों को बरबाद करने पर तुली है। उच्चतर शिक्षा संस्थानों की विश्वसनीयता खत्म करने की कोशिशों, अनुसंधान और सांस्कृतिक संस्थाओं के भगवाकरण तथा प्रगतिशील लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों के खिलाफ हमलों में लगातार तेजी आई है। इशरत जहां, गुलबर्ग सोसायटी और मालेगांव विस्फोट जैसे मामलों में हिंदू फासीवादी अपराधियों को छोड़ दिया जाना न्यायपालिका को खोखला कर दिए जाने का सबूत है। विभिन्न राष्ट्रीयताओं और श्रमजीवी तबके पर फासीवादी हमले बदस्तूर जारी हैं। 

ऐसे जहरीले माहौल में जरूरी हो गया है कि हम 25 जून, 1975 के काले दिन को याद करें और मौजूदा अघोषित आपतकाल के खिलाफ प्रतिरोध के अपने संकल्प को मजबूत करें। आपतकाल की घोषणा की 41वीं सालगिरह पर जनहस्तक्षेप और पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने एक सभा का आयोजन किया है जिसमें आप आमंत्रित हैं।

कार्यक्रम:
आपतकाल-विरोध दिवस पर सभा 
स्थान: गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली (नजदीकी मेट्रो स्टेशन-आईटीओ)
तारीख: 25 जून, 2016
समय: शाम पांच बजे
वक्ता: न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) राजिंदर सच्चर, शम्सुल इस्लाम, गौतम नवलखा, नंदिता नारायण और एनडी पंचोली।

ह0/ईश मिश्र (संयोजक, जनहस्तक्षेप)
मोबाइल: 9811146846

No comments:

Post a Comment