Monday, June 20, 2016

मार्क्सवाद 24

पश्चिम बंगाल में कुकृत्यों के चुनावी परिणाम की मार पचा पाने में असमर्थ सीपीयम नेतृत्व किंकर्व्यविमूढ़ हो, बौखलाहट में ऊल-जलूल हरकतें कर रही है. 'लाइन' का विरोध करने के लिए लेकिन एक जुझारू कॉमरेड का इस्तीफा अस्वीकार कर पार्टी से निकाल दिया., इस्तीफा किसी कम्युनिस्ट पार्टी में अस्वीकार ही होता है और उसे निकाल दिया जाता है. अभी तक मेरी यही जानकारी है. छात्रों ने नया रास्ता दिखाया है, हाई कमानें उन्हें मुक्त छोड़ दें वे जय भीम-लाल सलाम के नारों की सांकेतिक एकता को सैद्धांतिक आयाम देंगे. दुनिया में जारी उथल-पुथल, खासकर फ्रांस के मजदूर विद्रोह और हिंदुस्तान के छात्र आंदोलनों से उभर कर, शायद मार्क्सवाद के सिद्धांतों पर आधारित मजदूर-छात्रों का एक नया 'इंटरनेसनल' जन्म ले. एक ऐसे वक़्त जब मजदूर-किसानों पर कॉर्पोरेटी हमला चरम पर है, सभी प्रगतिशील ताकतों को मिल-जुल कर वस्तुस्थिति की समीक्षा कर के जनसंघर्षों की रणनीति बनानी चाहिए. इतिहास अंततः आगे ही बढ़ेगा.

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