कैसी है यह देशभक्ति भागवत भाई
मर्दवादी विकृति जिसके पोर पोर में समाई
बोलती जय जो भार माता की
देती है वीरांगनाओं को संज्ञा वेश्या की
निक्कर पहन सुबह बंदे मातरम् चिल्लाते इसके ध्वजवाहक
रात को करते जेयनयू में कंडोम गिनने की कवायत
पेश करते हैं बालिका सशक्तीकरण का लेखा
खींचते हैं ललनाओं के लिए लक्ष्मण रेखा
ब्राह्मणवाद की जंजीरों से कसते जब दलित का गला
बयानबाजी में कह देते हैं दलित नहीं था रोहित वेमुला
दावानल की तरह फैल गया रोहित की शहादत का संदेश
जय भीम लाल सलाम के नारों से गूंज गया देश-विदेश
बन गया जेयनयू ज़ुल्म के खिलाफ जंग का किला
शुरू किया देशभक्तों ने इसकी बदनामी का सिलसिला
उमड़ रहा यह जो युवा उमंगों का सैलाब
कर देगा धर्मोंमादी छद्म देशभक्ति बेनकाब
(ईमिः26. 02.2016)
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