Saturday, July 29, 2023

बेतरतीब 145 (मिसएंथ्रोप)

 मैं लंबे समय तक फ्री-लांसर (बेरोजगार) रहा हूं, उस समय (शायद आज भी ऐसा ही हो) अंग्रेजी की तुलना में हिंदी लेखन की भुगतान दर बहुत ही दयनीय थी। घर चलाने के लिए अंग्रेजी में लिखता था, भाषा के प्रति प्रतिद्धता के लिए हिंदी में। कलम की मजदूरी से घर चलाने के दौरान हिंदी के एक जाने माने मित्र के साथ मिलकर एक अंग्रेजी जर्नल निकाला, दूसरा अंक अन्यान्य कारणों से नहीं निकल सका। थेएटर के एक प्रोफेसर ने एक बड़े फ्रांसीसी नाटककार (मॉलियर) के एक बहुत अच्छे मुश्किल नाटक (मिसऐंथ्रोप) केअंग्रेजी अनुवाद से पद्य से पद्य में हिंदी अनुवाद किया तथा मल प्रति उसे इस समझ से दे दिया कि वह टाइप कराकर एक कॉपी मुझे देगा। न पैसा दिया न कॉपी। टेलीविजन की स्क्रिप्ट में कुल मिलाकर लगभग 2 लाख की मजदूरी मारी गयी। एक प्रो्यूसर ने छोटे छोटे काम के लिफाफे में धन्यवाद पत्र के साथ भुगतान करके क्रेडिट बनाया और एक सीरियल का पैसा मार गया। खैर फ्री-लांसिंग से घर चलाना मुश्किल काम है। बाखी फिर...

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