फेसबुक मित्र राजेश सचान ने राहुल गांधी की न्यूनतम आय गारंटी के संसाधन के स्रोत के बारे में सवाल किया कि वे कॉरपोरेट पर अतिरिक्त कर से जुटाएंगे या पहले से जारी जनकल्याण कार्यक्रमों में कटौती से? उस पर -- ये कैसे करेंगे पता नहीं, इसका पहला व्यवहारिक कदम होगा विनिवेशित (बिके) सार्वजनिक उपक्रमों का पुनःसार्वजनिककरण (राष्ट्रीयकरण) तथा बैंकों एवं वित्तीय संसाधनों का राष्ट्रीयकरण, कॉरपोरेट सब्सिडी का अंत, कॉरपोरेटों से 'बुरे ऋण' की वसूली; उद्योगों के लिए अधग्रहित खाली जमीनों की किसानों को वापसी तथा कृषि एवं लघु उद्योगों की समाप्त कर दी गया सब्सिडी को फिर से चालू करना। नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा का अंत तथा अन्य जनपक्षीय कदमों से सामाजिक सुरक्षा (न्यूनतम आय) की नीति लागू की जा सकती है। लेकिन उसके लिए पूंजी की दलाल नहीं जनपक्षीय सोच की सरकार चाहिए जो सोच मौजूदा कॉरपोरेटी चुनावी पार्टियों में अनुपस्थित है। सभी पार्टियां साम्राज्यवादी, भूमंडलीय पूंजी की प्रतिस्पर्धी दलाल हैं। नीरा राडिया टेप इसका ज्वलंत उदाहरण है जिसमें धनपशु दावा करते हैं कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही उन्ही की दुकाने हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपने जो उपाय बताए हैं उनसे सहमत। लेकिन यदि न्यूनतम आय योजना यानी 'न्याय' को लागू करना है तो अगले बजट में ही सबसे पहले अमीरों पर एक फीसदी वेल्थ टैक्स लगा देना चाहिये।
ReplyDeleteसहमत
Deleteकम से कम अच्छाई की तरफ एक कदम तो बढ़ेगा
ReplyDeleteसहमत
Delete