Friday, August 31, 2018

लड़ना, चुनाव नहीं जरूरत है

लड़ना, चुनाव नहीं जरूरत है
फासीवाद कल्पना नहीं हकीकत है
चाहते हैं मुक्ति अगर अपनी जबान की
भूख से लड़ते मेहनतकश इंसान की
चाहते हैं अगर धरती पर अमन-चैन
तोड़ना होगा इसकी गर्दन पर कसा
कॉरपोरेटी फासीवाद का शिकंजा
काटने होंगे इसके चहुंओर लिपटे
तरह-तरह के तालिबानी उंमादों के जाल
चाहते हैं अगर नफरत से मुक्त
एक सुंदर कायनात
तो लड़ना पड़ेगा
कुछ भी नहीं मिलता खैरात में
हक के एक-एक इंच के लिए
लड़ना पड़ता है
अपने-आप कुछ नहीं होता
अपने आप सिर्फ मौत आती है
जिंदगी के लिए लड़ने की जरूरत है
मरने के लिए कुछ नहीं करना पड़ता
जीने के लिए लड़ने की जरूरत है
लड़ना, चुनाव नहीं जरूरत है
आइए देते हैं जनकवि पाश को श्रद्धांजलि
इस संकल्प के साथ
'हम लड़ेंगे साथी क्योंकि लड़ने की जरूरत है
हम लड़ेगे साथी।
(ईमि: 31.08.2018)
[बहुत दिनों तक, कलम अपनी मूल प्रवृत्ति के विपरीत अनुशासित रहा, लेकिन आज इसे अपनी आवारगी याद आई]

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