इतिहास की गाड़ी में नहीं होता रिवर्स गीयर
वह आगे ही बढ़ता जाता हैदेखते हुए पीछे तय की गयी दूरी
अतीत को जोड़ता है वर्तमान से
और बनाता है नियम भविष्य के गतिविज्ञान का
जब हम आदिमयुग की सादगी की बात करते हैं
तो नहीं चाहते वापसी आदिम युग में
जब नहीं हुआ था अन्वेषणआजीविका के उत्पादन के साधनों का
संकेतों और ध्वनियों की भाषा में बात करते थे हमारे पूर्वज
तथा वाह्य खतरों से आत्म रक्षा के लिए
मिलते थे आपस में यदा-कदा सहज प्रवृत्ति से
भाषा का अन्वेषण एक क्तिरांतिकारी था
मानव विकास के इतिहास के गतिविज्ञान का
उसी तरह जब हम बात करते हैं
पूंजीवादी व्यक्तिवाद के प्रचलन से
सामंती सामुदायिकता के विघटन का
नहीं चाहते वापसी सामंती व्यवस्था का
द्वंद्वात्मक बदलाव नियम है इतिहास के गतिविज्ञान का
और अस्तित्व है जिसका भी
अवश्यंभावी है अंत उसका
नहीं है इसका अपवाद पूंजीवादी व्यक्तिवाद
शुरू होगी जिसके बाद निर्माण की प्रक्रिया
एक समतामूलक नई जनतांत्रिक सामुदायिकता का
और समाज मानव-मक्ति का।
(ईमि: 08.12.2022)
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