मिथकीय महाकाव्य रामायण के एक वानर पात्र की जाति को लेकर भाजपा नेताओं में विवाद छिड़ गया है, कोई कह रहा है वह दलित है तो कोई उसे जाट बता रहा है तो कोई मुसलमान। अंबेडकरनगर के पांडेय सांसद को लगा कि लोगों की जातिनिर्धारण का काम पार्टी की अब्राह्मण जातियां कैसे कर सकती हैं तो उन्होंने तुरंत वानरदेव को ब्रह्मण घोशित कर दिया, सुग्रीव को कुर्मी और बालि को अहिर। इसीलिए तो कहता हूं कि हिंदू तो कोई होता ही नहीं, कोई चमार होता है कोई बाभन। चौपाए देवताओं को भी संघियों ने जातियों में बांट दिया है ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment