लड़ने से जीत भी मिल सकती है
लड़ने से जीत भी मिल सकती है
न लड़ने से तो हार सुनिश्चित ही है
लड़ाई सिर्फ हार-जीत की नहीं होती
इतिहास में प्रतिरोध दर्ज
करने की भी होती है
खुद के जिंदा होने की
आश्वस्ति की भी
इसलिए भी लड़ना है कि देना
पड़ेगा
जवाब अपनी नतिनियों के
सवालों का
कि क्या कर रहे थे हम
जब रौंदी जा रही थी मानवता
फासीवादी बूटों के तले
इसलिए हम मानेंगें शहीद पाश
की सलाह
और लड़ेंगे साथी
कम-से-कम अपना प्रतिरोध
दर्ज करने के लिए
फासीवाद के विरुद्ध असहमति
जताने के लिए
इतिहास की नीरसता तोड़ने के
लिए
भगत सिंह के सपनों को जिंदा
रखने के लिए
हम लड़ेंगे साथी
क्योंकि अंधेयुग में लड़ने
की जरूरतें बढ़ती जाती हैं
(कलम बहुत दिन बाद आवारा
हुआ)
(ईमि/18.07.2022)
No comments:
Post a Comment