नोटबंदी का मकसद बैंकों की नगदी संकट की समस्या हल करना था। वित्तीय पूंजीवाद का सिद्धांत है -- जनता का पैसा; बैंकों का नियंत्रण और पूंजीपति (धनपशु) का निवेश। पिछला संकट बैंक अधिकारी और धनपशुओं की मिलीभगत के फरेब से नगदी का संकट था जिससे धनपशुओं के लिए निवेश का संकट पैदा हो गया। अमेरिका में इस संकट से निपटने के लिए बराक ओबामा ने बाप की संपत्ति समझ राजकोश से करोड़ों रूपए डालकर बैंको को bail out किया। विदेशी कर्ज से दबे हमारे राजकोश में bail out करने की औकात नहीं थी तो आवश्यक कामों केलिए लोगों के घरों में रखे और बच्चों के गुल्लक में पड़े पैसों की लूट से bail out किया। नोटबंदी की कतारबंदी में कुछ बैंक कर्मियों समेत हजारों लोग काल के गाल में समा गए।
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