नोटबंदी में अपनी खून-पसीने की कमाई के पैसे बदलने की कतार में 187 लोग मर गए। तमाम छोटे व्यापारी तथाछोटे उद्यमी तबाह हो गए। न तो भक्त इस भ्रष्टाचार-आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक का भजन गाया। सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक का दूसरी वर्षगांठ के उत्सवपर करोड़ों बहा दिए गए, लेकिन उस सर्जिकल स्ट्राइक पर न तो भक्त कुछ बोल रहे हैं, न ही 50 दिन में इसके सकारात्मक परिणाम न आने पर चौराहे पर पकड़ कर सजा देने के लिए जनता का आह्वान करने वाले मोदी जी वाहवाह लूट रहे हैं। अपने शासन के 2 साल पूरे पर अपने विज्ञापन पर जनता का 200 करोड़ फूंक देने वाले मोदी जी ही इसकी वाहवाही लूटने की कोशिस कर रहे हैं।
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