Saturday, May 27, 2023

लोक तंत्र बन गया है धनपशुओं के अंधभक्तों का संख्यातंत्र

 लोक तंत्र बन गया है धनपशुओं के अंधभक्तों का संख्यातंत्र

 लोक तंत्र बन गया है धनपशुओं के अंधभक्तों का संख्यातंत्र
जनता की खून-पसीने की कमाई से बन रहा भव्य राजमहल
देख नेहरू की जनतांत्रिक विरासत का होता विध्वंश
फासीवादी मंसूबों की फितरत से लोक की आवाज गई है दहल

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