टीपू सुल्तान पोस्ट पर एक मित्र मोपला पर भजन गाने लगे मैंने एकाध लिंक शेयर किया तो कहा कि जनचौक जैसे फर्जी लिंक न शेयर करूं, उस परः
ऊपर शेयर किए गए लिंक जनचौक के नहीं हैं, जनचौक एक प्रतिष्ठित प्रामाणिक प्रकाशन है। आप जरूर फर्जी कम्यूूनल लिंक शेयर करते हैं जो राजाओं की लडाई को या जमींदारों के विरुद्ध किसानों और खेत मजदूरों के विद्रोह को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए हिंदू-मुस्लिम नरेटिव बनाकर नफरत फैलाते हैं। जिन्होंने इतिहास पढ़ा है, वे जानते हैं कि हल्दीघाटी की लड़ाई मे राणाप्रताप की सेना के विरुद्ध अकबर के सेनापति राजा मानसिंह थे, जिनकी सेना में रणाप्रताप के भाई जगमाल और शक्ति सिंह शामिल थे। राणाप्रताप की तोप ब्रगेड का कमांडर हकीम खां सूर अफगान था। जो हजारों अफगानों के साथ राणा प्रताप के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर लड़ा और शहीद हुआ। शिवाजी के विरुद्ध युद्ध में औरंगजेब का सेनापत् राज जय सिंह था और शिवाजी का तोपची इब्राहिम खां था और नवसेनाध्यक्ष दरयासारंग । राणाप्रताप के अपवाद को छोड़कर सारे राजपत रजवाड़े अकबर के दरबारी थे और बिना किसी अपवाद के सभी औरंगजेब के। औरंगजेब के ज्यादातर अधिकारी और जागीरदार राजपूत और मराठे थे। इतिहास को इतिहास की तरह पढ़े , सांप्रदायिक राजनीति की तरह नहीं.
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