राजा के एक बाउंसर ने कहा सड़कों को घेरने वाले किसान खालिस्तानी हैं
रानी के खिदमदकारों ने बाउंसर की बात आगे बढ़ाया
मंत्री-संत्री सब बोलने लगे देश के सारे किसान खालिस्तानी हैं
अंधभक्तों ने पंजीरी खाकर भजन गाना शुरू कर दिया
सब किसान खालिस्तानी हैं
और सबूत के रूप में पेश किया कइयों के सिर पर पगड़ी
किसानों ने सुनी नहीं उनकी बात
तोड़ते हुए सिंघु सीमा के बैरीकेड
पहुंच गए राष्टपतिभवन
और घेर लिया संसद भवन
और कहा
सारे मंत्री-संत्री साम्राज्यवाद के कारिंदे हो गए थे
इसीलिए दिया उनको कुर्सी से उतार
और फहरा दिया संसद के द्वार पर पताका
लिखा है जिस पर इंकलाब जिंदाबाद
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