जी हां आज 6 दिसंबर है
आज के ही दिन
निधन हुआ था देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित करने वाले
संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के मुखिया डॉ. भीमराव अंबेडकर का
यही दिन चुना था
मुल्क के माहौल को फिरकापरस्त नफरत से भरने का
धर्मनिरपेक्षता को अलविदा कह
भारत के इतिहास में नया अध्याय रचने का
इतिहास के तबके भावी आज के वर्तमान के नायकों ने
जब टूट पड़े थे लाखों धर्मोंमादी
ढहाने धर्मनिरपेक्षता का ढांचा
बनाने सामासिक संस्कृति का तमाशा
जिसे चुपचाप देख रही थी
भारत की तब की धर्मनिरपेक्ष सरकार।
उस दिन के हम सब गवाह हैं
निरुत्तर हो जाएंगे
हमारी नतिनी पूछेगी जब यह सवाल
कि क्या कर रहे थे हम
जब इतिहास को कलंकित किया जा रहा था?
क्या कर रहे थे हम
जब अतीत सुधारने के नाम पर
भविष्य को विकृत किया जा रहा था?
पुलिस की सुरक्षा में
जब ध्वस्त की जा रही थी
400 साल पुरानी इतिहास की धरोहर
हम खिसियाहट मिटाने को बोलेंगे
कि हमने नफरती हिंसा के विरुद्ध लेख लिखे थे
कुछ लेख बाबरी विध्वंस के पहले
और कुछ उसके बाद
निकाले थे हमने जुलूस
विध्वंस के पहले लखनऊ में
और दिल्ली में विध्वंस के बाद।
हम नहीं थे उनसे कम
लेकिन नहीं था हममें धर्मोंमादी तांडव को रोकने का दम
पता नहीं क्या राय बनाएगी हमारी नतिनी
शायद समझे इतिहास के यू टर्न को
चुपचाप तो नहीं, लगभग चुपचाप देखने की हमारी मजबूरी को
हर अगली पीढ़ी होती है तेजतर और अधिक समझदार
उम्मीदन करेगी इतिहास के यू-टर्न को उलटने की कोशिस पूरी।
(ईमिः 06.12.2020)
उम्दा
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