नहीं छीन सकती उम्र बचपना
जवानी तो कतई नहीं
हो ग़र भूल जाने का सलीका 
उम्र का चालीस का फर्क
और न मानने की नसीहतें
करने  का बुज़ुर्गियत का लिहाज़
कुछ नहींबिगाड़ सकती उम्र
करो ग़र जुर्रत सोचने  की
और साहस करने का इस्तेमाल
अपनी समझ
(ईमि:: २८. ०१. २०१६)

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