Monday, January 16, 2012

ठंढ से मौत

ठंढ से मौत

ईश मिश्र

ठंढ से नहीं मरते साइबेरिया में जानवर और इन्सान
सुनते हैं हो जाता है वहाँ शून्य से नीचे तिहत्तर तापमान
अखबार में पढते हैं उत्तर प्रदेश का है ठंढ से मौतों का कीर्तिमान
बेघरी और भूख से भला मरता है कोई?
 पूछतेहुक्मरान.
एक सरसंघचालक थे गुरूजी गोलवलकर
लिखा एक किताब में काफी सोच-विचार कर
प्राचीनकाल में उत्तरी ध्रुव था वहाँ
उड़ीसा और बिहार आज हैं जहां
मरते हैं लोग शायद प्राचीन काल के तापमान से
कौन बच सकता है विधि के विधान से?
बिहार में गर्मी से मर जाते हैं लोग
खोज लेंगे कोई गुरूजी कुछ ऐसा संयोग
बहुत पहले विश्वत-रेखा थी वहाँ
बहती है गंगा आज जहां
[मंगलवार, 17 जनवरी 2012/७:४२ पूर्वाह्न]

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