Saturday, January 7, 2012

ठंढ उन्हें भी लगती है

ठंढ उन्हें भी लगती है

ईश मिश्र

जो बच्चे सुबक कर रोते नहीं
ठंढ उन्हें भी लगती है
जो माताएं ठंढ से सिकुड़ते बच्चों को
सीने से चिपकाती नहीं
ठंढ उन्हें भी लगती है
वे खुद के साथ बच्चों को भी
बर्दाश्त की आदत डाल देती हैं
उनका भी दिल रोता है
अपने बच्चों की तकलीफ से
आँखों की आदत पड जाती है न रोने की.
[ईमि/07.01.2012]

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