ठंढ उन्हें भी लगती है
ईश मिश्र
जो बच्चे सुबक कर रोते नहीं
ठंढ उन्हें भी लगती है
जो माताएं ठंढ से सिकुड़ते बच्चों को
सीने से चिपकाती नहीं
ठंढ उन्हें भी लगती है
वे खुद के साथ बच्चों को भी
बर्दाश्त की आदत डाल देती हैं
उनका भी दिल रोता है
अपने बच्चों की तकलीफ से
आँखों की आदत पड जाती है न रोने की.
[ईमि/07.01.2012]
No comments:
Post a Comment