Sunday, April 24, 2011

धर्म की सहिष्णुता का प्रतिशत

धर्म की सहिष्णुता का प्रतिशत
ईश मिश्र

एक धर्मस्थल के विवाद में
हया-बलात्कार, आगजनी-लूटपाट
की चन्द वारदातो का हवाला देकर
शायर ने सवाल पूछा
धर्म की सहिष्णुता का प्रतिशत क्या है?

धर्म बहुत ही सहिष्णु है
सहिष्णुता का प्रतिशत है
कभी सौ तो कभी दो सौ
गिनती अनंत तक जाती है
लेकिन सबकी एक सीमा होती है.

ऐसे में जब मचा हो
नास्तिकता का चार्वाकी उत्पात
करते सर्वशक्तिमान पर आघात
ईश-निंदा की काट तो खोजना होगा
कुछ तो विधि का विधान बनाना होगा

धर्म की सहिष्णुता अनंत
धर्म को समाज चलाना है
खुदा के बंदो को उल्लू बनाना है
और पर्वर्दिगार को भी बचाना है
उसके क़ानून को लगाना है.

मौत से कम सजा वह क्या दे
कोई गर विधि का विधान बदल दे?
"धरती सूरज के चक्कर करती है"
कोई सिर्फिरा ऐसा यदि कह दे!

रसूल-उल-अल्लाह से लोगे पंगा
कैसे रहोगे भला-चंगा?
बानाओगे अगर उनकी तस्बीर
मौत ही बनेगी तक़दीर

भारत में रहोगे कहोगे नहीं बंदेमातरम्‌
कौन सहेगा, कितना भी सहिष्णु धर्म?
कहे नहीं जो जय श्रीराम
धरती पर उसका क्या काम?

मिटा देंगे रामभक्त उन सबका नाम-ओ-निशान
माँ के गर्भ से भी करेंगे गर राम-द्रोह का ऐलान
कर दिए थे नापाक मुस्लिमों ने कुछ स्थान
मस्जिद ओ दरगाह का इस राष्ट्र में क्या काम?

बजरंगी वीरों ने मन में लिया ठान
मिटा देंगे ऐसे सारे निशान
मिल गया जब मोदी का फरमान
मार दिए उनने काफी मुसलमान

कर दिया था नापाक जिन जगहों को मुसलमानों ने
कर दिया मटिआमेट , रामभक्त बजरंगी दीवनो ने
नापाक रही जगह ख़ुद राम के लिए नामाकूल थी
लेकिन हनुमानो के लिए काफ़ी अनुकूल थी

मस्जिद थी जहाँ बैठे वहान गोधडिआ हनुमान
बैठ गए मजार पर हुल्लडिआ हनुमान
और कौन सुपात्र ऐसा भाग्यवान ?
सेवक से बन जाए जो ख़ुद ही भगवान ?

लूटा माल, जलाया मकान
चूर किया औरतों का गरूर ओ गुमान
ना छोड़ी इज़्ज़त बच्ची की न बुढिआ की आन
युग्द्रश्टा के राजधर्म का गुजराती अभियान

धर्म की सहिष्णुता होती अनंत,
लेकिन हर चीज की सीमा होती है
प्लेटो और लॉक ने भी यही कहा है,
नास्तिकता की सजा मौत होती है.
(इमि/२४.०४.२०११)

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