मैंने 1972 में इंटर केबाद बीएचयू और इलाहाबाद दोनो जगह फॉर्म भरा और दोनों जगह प्रवेश मिल गया। बनारस थोड़ नजदीक था और यातायात की दृष्टि से सुविधाजनक और इलाहाबाद आईीएएस/पीसीएस के लिए मशहूर। बहुत आगे-पीछे करने के बाद बनारस जाने का कहकर घर से निकला। जौनपुर के रोडवेज बस अड्डे पर बनारस की बस की तरफ पैर बढ़ाया ही था कि मन बदल गया तथा आईएएस/पीसीएस की चकाचौध मन पर हावी हो गया तथा बनारस की बजाय इलाहाबाद की बस पकड़ ली। इलाहाबाद विवि में फर्स्ट यीयर में विभाग की विभागीय सोसाइटी में सहसचिव का चुनाव लड़ गया और जीत गया। छात्रसंघ के महासचिव बृजेश से मुलाकात हुई और वे मुझे यनिवर्सिटी रोड चौराहे पर, य़ाकुर की पान की दुकान के ऊपर एबीवीपी के कार्यालय में ले गए तथा मुझे भर्ती कर जिला प्रकाशन मंत्री बना दिया गया।
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