Wednesday, April 28, 2021

केदारजी

 पीके को एनसीईआरटी के लिए 2 प्रोपोजल जमा करना था एक नागार्जुन पर एक केदार जी पर। हमें और निधि को यह काम सौंपा गया। मैंने नागार्जुन पर लिखा (काश संरक्षित किया होता) और निधि ने केदार जी पर। केदारजी वाला प्रपोजल मंजूर हुआ। मैं शूटिंग में असोसिएट डायरेक्टर के रूप में शामिल था शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट पर भी काम करना था, कविताओं का विजुअलाइजेसन साथ साथ करना था। शीर्षक (क से कविता) कविता उनके गांव के जंगल और प्राइमरी स्कूल में शूट की गई। माझी का पुल शूट करने हम बिहार सीमा पर माझी के पुल पर गए। वहां इतने सस्ते में लिट्टी-चोखा का इतना स्वादिष्ट अल्पाहार कर पूरी यूनिट हतप्रभ थी। उनकी बनारस कविता की शूटिंग के दौरान मैंने कहा था, केदार जी हमारे अमिताभ बच्चन हैं, उन्होंने अपने अद्भुत हास्यबोध की अदा से पूछा कि तारीफ कर रहा था कि बुराई? वे गंगापार किनारे पड़ी उल्टी नाव की टेक लेकर कविता पढ़ रहे थे, गंगा में दिए तैर रहे थे और उस पार मणिकर्णिका पर जलती लाशों की सीढ़ियां दृष्टिगोचर हो रही थीं। पीके को एनसीईआरटी के लिए 2 प्रोपोजल जमा करना था एक नागार्जुन पर एक केदार जी पर। हमें और निधि को यह काम सौंपा गया। मैंने नागार्जुन पर लिखा (काश संरक्षित किया होता) और निधि ने केदार जी पर। केदारजी वाला प्रपोजल मंजूर हुआ। मैं शूटिंग में असोसिएट डायरेक्टर के रूप में शामिल था शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट पर भी काम करना था, कविताओं का विजुअलाइजेसन साथ साथ करना था। शीर्षक (क से कविता) कविता उनके गांव के जंगल और प्राइमरी स्कूल में शूट की गई। माझी का पुल शूट करने हम बिहार सीमा पर माझी के पुल पर गए। वहां इतने सस्ते में लिट्टी-चोखा का इतना स्वादिष्ट अल्पाहार कर पूरी यूनिट हतप्रभ थी। उनकी बनारस कविता की शूटिंग के दौरान मैंने कहा था, केदार जी हमारे अमिताभ बच्चन हैं, उन्होंने अपने अद्भुत हास्यबोध की अदा से पूछा कि तारीफ कर रहा था कि बुराई? 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वे गंगापार किनारे पड़ी उल्टी नाव की टेक लेकर कविता पढ़ रहे थे, गंगा में दिए तैर रहे थे और उस पार मणिकर्णिका पर जलती लाशों की सीढ़ियां दृष्टिगोचर हो रही थीं। पीके को एनसीईआरटी के लिए 2 प्रोपोजल जमा करना था एक नागार्जुन पर एक केदार जी पर। हमें और निधि को यह काम सौंपा गया। मैंने नागार्जुन पर लिखा (काश संरक्षित किया होता) और निधि ने केदार जी पर। केदारजी वाला प्रपोजल मंजूर हुआ। मैं शूटिंग में असोसिएट डायरेक्टर के रूप में शामिल था शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट पर भी काम करना था, कविताओं का विजुअलाइजेसन साथ साथ करना था। शीर्षक (क से कविता) कविता उनके गांव के जंगल और प्राइमरी स्कूल में शूट की गई। माझी का पुल शूट करने हम बिहार सीमा पर माझी के पुल पर गए। वहां इतने सस्ते में लिट्टी-चोखा का इतना स्वादिष्ट अल्पाहार कर पूरी यूनिट हतप्रभ थी। उनकी बनारस कविता की शूटिंग के दौरान मैंने कहा था, केदार जी हमारे अमिताभ बच्चन हैं, उन्होंने अपने अद्भुत हास्यबोध की अदा से पूछा कि तारीफ कर रहा था कि बुराई? वे गंगापार किनारे पड़ी उल्टी नाव की टेक लेकर कविता पढ़ रहे थे, गंगा में दिए तैर रहे थे और उस पार मणिकर्णिका पर जलती लाशों की सीढ़ियां दृष्टिगोचर हो रही थीं। पीके को एनसीईआरटी के लिए 2 प्रोपोजल जमा करना था एक नागार्जुन पर एक केदार जी पर। हमें और निधि को यह काम सौंपा गया। मैंने नागार्जुन पर लिखा (काश संरक्षित किया होता) और निधि ने केदार जी पर। केदारजी वाला प्रपोजल मंजूर हुआ। मैं शूटिंग में असोसिएट डायरेक्टर के रूप में शामिल था शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट पर भी काम करना था, कविताओं का विजुअलाइजेसन साथ साथ करना था। शीर्षक (क से कविता) कविता उनके गांव के जंगल और प्राइमरी स्कूल में शूट की गई। माझी का पुल शूट करने हम बिहार सीमा पर माझी के पुल पर गए। वहां इतने सस्ते में लिट्टी-चोखा का इतना स्वादिष्ट अल्पाहार कर पूरी यूनिट हतप्रभ थी। उनकी बनारस कविता की शूटिंग के दौरान मैंने कहा था, केदार जी हमारे अमिताभ बच्चन हैं, उन्होंने अपने अद्भुत हास्यबोध की अदा से पूछा कि तारीफ कर रहा था कि बुराई? 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3 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29 -04-2021 को चर्चा – 4,051 में दिया गया है।
    आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद सहित
    दिलबागसिंह विर्क

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  2. अद्भुत आलेख संस्मरण।

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