इश्क पूरी दुनिया से
ईश मिश्र
इश्क पूरी दुनिया से होता है नायाब
उसमे ही होता है माशूक का भी सबाब
इसी लिए बदलो ख़ुद को
दुनिया बदलने के लिए
बनेगी अगर दुनिया एक बेहतर
पूंजीवादी मर्दवाद हो जाएगा बेअसर
सब होंगे अपनी सर्जना के मालिक,
मिलेगा सबको प्रतिभा का अवसर
सभी को होगा प्रेम का अधिकार बराबर
हवा में गूजेगें आजादी के तराने
किस्सागो बताएँगे मानव-मुक्ति के फ़साने
ईश मिश्र
इश्क पूरी दुनिया से होता है नायाब
उसमे ही होता है माशूक का भी सबाब
इसी लिए बदलो ख़ुद को
दुनिया बदलने के लिए
बनेगी अगर दुनिया एक बेहतर
पूंजीवादी मर्दवाद हो जाएगा बेअसर
सब होंगे अपनी सर्जना के मालिक,
मिलेगा सबको प्रतिभा का अवसर
सभी को होगा प्रेम का अधिकार बराबर
हवा में गूजेगें आजादी के तराने
किस्सागो बताएँगे मानव-मुक्ति के फ़साने
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