साथी चे को लाल सलाम
ईश मिश्र
पढ़ रहा था शहादतें नेपाली क्रांतिकारियों की
सहसा याद आ गयी शहादत चे ग्वेएरा की
भगत सिंह जब मौत को ललकार रहे थे
तीन बरस के तब थे चे
भगत की शहादत बनी चे की थाती
है हर अगली पीढ़ी आगे ही जाती
पैदा हुए धरती पर अर्जेंटीना की
साथ सपने के एक सुन्दर दुनिया की
किया कालेज में मेडिकल की पढ़ाई
ऐश-ओ-आराम की ज़िंदगी मगर, राश न आयी
निकल पड़े फटफटी पर लेने महाद्वीप का जायजा
चहुँ ओर देखा लूट, दमन, गरीबी की दुर्दशा
खोजने निकले जब कारण इस बीमारी के
खुल गए राज़ पूंजी की नव-उपनिवेशवादी महामारी के
गैर-बराबरी,गरीबी का कारण है पूँजीवाद
एकमात्र विकल्प जिसका है समाजवाद
बनाया मार्क्सवाद को औजार और हथियार
सोचने लगे जब इस रोग का उपचार
गुआटेमाला mein आर्बेंज ने जब शुरू किया सुधार
चे पहुँच गए वहां सुन बदलाव की पुकार
हो गयी यह बात अमरीका के बर्दाश्त के बाहर
सी.आई.ए. ने ढा दिया तख्ता-पलट का कहर
चे पहुँच गए मेक्सिको, मिले कास्त्रो बंधुओं से
ऐलान-ए-जंग किया था जिनने २६ जुलाई आन्दोलन से
थी क्यूबा में अमरीकी मुहरे बतिस्ता की तानाशाही
चलन में थे साम्राज्यवादी वर्चश्व और उगाही
फिदेल कास्त्रो ने छेड़ा जब निर्णायक अभियान
बन गए चे जन-सेना के उप-कप्तान
थे हालात लैटिन अमेरिका के चीन से
वे छापामार रणनीति को अंजाम देने में लग गये
दूर-दराज इलाकों से जब जनयुद्ध की शुरुआत हुई
चे ने हिरावल दस्तों को छापामारी की शिक्षा दी
देख मुक्ति सैनिकों का यह इन्किलाबी जोश
नव-उपनिवेशवादी भोंपू हो गए बेहोश
मुक्त करते गाँव चले शहरों की ओर
बौखला गए वाल-स्ट्रीट सारे हरामखोर
हिरावल दस्ते के पास था मुक्ति का ज़ज्बा और अज्म-ए-यक़ीं
दुश्मन थे भाड़े के,न थी वहम-ओ-गुमाँ की कमी
जंग-ए-आज़ादी के गीत गाते जब हवाना पहुंचा दस्ता
भाग खडा हुआ अमेरिकी गुलाम बतिस्ता
समाजवादी राज्य के निर्माण की जब शुरुआत हुई
चे पर कई जिम्मेदारियां आन पड़ी
कहा उनने होता है कोइ भी तभी मुकम्मल इंसान
बेचना पड़े न श्रम जब जैसे बिकते हैं सामान
मानव-मुक्ति के लिए जरूरी है समाजवादी चेतना
करना पडेगा आत्मसात श्रम के अपमान की वेदना
था आलम तब क्यूबा में निरक्षरता और अज्ञान का
चे ने सूत्रपात किया साक्षरता अभियान का
देखते-देखते सारा क्यूबा साक्षर हो गया
शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे निकल गया
वित्तमंत्री का जिम्मा जब चे को मिला
शुरू हो गया अर्थव्यवस्था की कायापलट का सिलसिला
किया त्वरित औद्योगीकरण की शुरुआत
याद रखा माओ की लम्बे कदम की बात
रोकना है यदि शोषण-दमन की पुनरावृत्ति
पैदा करना होगा आवाम में इन्किलाबी प्रवृत्ति
पड़ गयी क्यूबा में जब जनवाद की पुख्ता बुनियाद
निकल पड़े चे कराने बाकी दुनिया आज़ाद
पहुँच गए साम्राज्यवाद की कमजोर कड़ी कांगो में
सोचा था इसे क्रान्ति की पहली कड़ी अफ्रीकी देशों में
उनका आंकलन इस बार गलत निकला
बढ़ा नहीं आगे छापामारी प्रशिक्षण का मामला
हार-जीत है कई संयोगों की बात
महत्वपूर्ण है संघर्षों की गुणवत्ता की विसात
पकड़ी चे ne फिर बोलीविया की डगर
थी उनपर लगातार अमरीका की नज़र
बौखलाया था चे के इन्किलाबी विचारों से
घात लगाए बैठा था कायर कुत्तों जैसे
कर रहे थे वे जब हिरावल दस्तों का निर्माण
मुखबिर से मिल गया सी.आई.ए. को उनके ठिकाने का प्रमाण
हमला किया सोते में सरकारी कुत्तों के साथ
मरवा दिया चे को कठपुतली सरकार के हाथ
क़ानून बन जाये जब नाइंसाफी का सहारा
इन्साफ का फ़र्ज़ है विद्रोह का नारा
क्रांतिकारियों की शहादतें बेकार नहीं जातीं हैं
अगली पीढ़ियों के लिए समृद्ध विरासत छोड़ जाती हैं
चे की शहादत धीरे-धीरे रंग ला रही है
विद्रोह की चपेट में सारी दुनियाँ आ रही है
जलाई थी लैटिन अमेरिका में जो छोटी सी चिंगारी
आ रही है उसकी चपेट में अब दुनियाँ सारी
फ़ैल रहा है दुनियाँ में चे का मानव-मुक्ति का पैगाम
कामरेड चे को लाल सलाम; लाल-लाल सलाम.
०९.१०.२०११, २३.२०
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