मारुती कर्मचारियों की हड़ताल के नाम
ईश मिश्र
जुड़े हुए हैं हड़ताल और हथियार के रास्ते
इनका वजूद है हालात-ए-तब्दीली के वास्ते
हड़ताल बन जाती एक कारगर हथियार
बन जाए जो जनाधार अपार
नहीं है महज ये रोजी-रोटी की लड़ाई
मजदूर को चाहिए उसकी वाजिब कमाई
कारीगरी-ओ-कौशल से बनाता भाँति-भाँति की कारें
चलती हैं जिनपर रंग-विरंगी सरकारें
बात करता है वह जब मेहनत के अधिकारों का
दुश्मन बन जाता है सभी सरकारों का
करते है वह जब भी हड़ताल
शुरू कर देती हैं वर्दियां कदम-ताल
कहने को तो ये जनता के रक्षक हैं
जनता में केवल मारुति-टाटा-पास्को से नरभक्षक हैं
होता रहा हडतालों पर गर ऐसा ही प्रहार
बदल जाएगा उनका सार-आकार-प्रकार
होगा हथियार का पथ प्रशस्त
होगा जो हड़ताल का सहयोगी विश्वस्त
काबिज हो शस्त्र-शास्त्र पर बदलेंगे उपयोग
नहीं रहेगा दुनिया में भेद-भाव का रोग
०२.०९.२०११.
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