धूमिल ने ठीक ही कहा है
संसद जाम करने से अच्छा है सड़क जाम करो
इन्किलाबी हुजूम के हरकारे का काम करो
लेकिन पहले जाति धर्म खेत देश से ऊपर उठकर
एक सम्पूर्ण इंसान बनो
समता के सुख का संधान करो
हवा का रुख बदलना है
तो उसे पीठ देना बंद करो
संसद जाम करने से अच्छा है सड़क जाम करो.
(इमि/०५.०३.२०११)
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