Saturday, March 5, 2011

sansad aur sadak

धूमिल ने ठीक ही कहा है
संसद जाम करने से अच्छा है सड़क जाम करो 
इन्किलाबी हुजूम के हरकारे का काम करो
लेकिन पहले जाति धर्म खेत देश से ऊपर उठकर
एक सम्पूर्ण  इंसान बनो
समता के सुख का संधान करो
हवा का रुख बदलना है 
तो उसे पीठ देना बंद करो
संसद जाम करने से अच्छा है सड़क जाम करो.
(इमि/०५.०३.२०११)

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