Wednesday, May 7, 2025

बेतरतीब 169(श्रीगंगानगर)

 एक पोस्ट पर कमेंट


जी सही कह रहे हैं, गठबंधन सरकार सहयोगियों की सहमति के बिना व्यवहारतः नीतिगत फैसला लेने का आत्मघाती फैसला नहीं ले सकती। वीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीसन की सिफारिश लागू करने का आत्मघाती फैसला लिया था और बाहर से समर्थन दे रही भाजपा ने समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दिया था। इतना ही नहीं मंडल के समानांतर कमंडल राजनीति से देश के भविष्य का राजनैतिक माहौल ही बदल दिया। कांग्रेस भी भाजपा की ही तरह मंडल कमीसन की सिफारिशों के विरुद्ध थी, लेकिन भाजपा की ही तरह सिद्धाततः विरोध नहीं कर सकती थी क्योंकि चुनावी जनतंत्र मूलतः संख्यातंत्र है। अब तो किसी भी पार्टी की सरकार नीतिगत रूप से आरक्षण समाप्त करने का फैसला नहीं कर सकती, निजीकरण और ठेकेदारीकरण, लेटरल एंट्री जैसी नीतियों से उसे निष्प्रभावी जरूर बना सकती है।

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