जन्मदिन मुबारक हो साथी भगत सिंह
वैसे तो निरापद नहीं हैतुम्हें याद करना आज के भारत में
क्योंकि इंकिलाब जिंदाबाद
का नारा लगाए बिना तुम्हें याद नहीं किया जा सकता
तुमने जब यह नारा लगाते हुए
फांसी का फंदा चूमा था मौत को हराने के लिए
तब इसे राजद्रोह माना गया था
आज यह देशद्रोह बन गया है
जिसके लिए जेलों में बंद कर दिए गए हैं
न जाने कितने उमर खालिद
फिर भी लगाना ही पड़ेगा यह नारा
तुम्हें लाल सलाम कहने के लिए
इंकिलाब जिंदाबाद