Tuesday, March 8, 2022

शिक्षा और ज्ञान 350 (होमोसेपियंस)

 हर परिघटना को उसके ऐतिहासिक संदर्भ में ही समझा जा सकता है, अपने जन्म के संयोग की खास ऐतिहासिक परिस्थिति में मैं पहले ईश मिश्र हूं। संयोग से यदि यूरोप या अमेरिका में पैदा होता तो शायद डैविड थॉमस सा कुछ होता और अरब में इलियास हसन सा। बड़े होने के कर्मकांडों के साथ पता चला कि हमारी ईश मिश्र से ऊपर की पहचान बट्टूपुर (बस्ती जिले का एक गांव) के मार्जनी (गोरखपुर जिले में कोई जगह) मिश्र की है तथा जन्मस्थान की भौगोलिक स्थिति के चलते पता चला कि हमारी भौगोलिक पहचान भारत देश के उप्र प्रांत के आजमढ़ जिले की है। बढ़ने-पढ़ने के दौरान पता चला कि भारत नामक भौगोलिक क्षेत्र में कई अलग अलग भाषाओं, संस्कृतियों के लोग रहते हैं तथा भारत की ही तरह पृथ्वी के अन्य भागों में भी हमारी ही तरह के बहुत से जीव रहते हैं और हम सबकी एक सामूहिक कोटि है जिसे मनुष्य कहते हैं, उसी तरह जैसे आम, अमरूद, केला जैसी वस्तुओं की सामूहिक कोटि फल है। सभ्यता के विकास के इतिहास के अध्ययन से चला कि बंदर, लंगूर, वनमानुष जैसे अविकसित जीव भी मनुष्य की ही प्रजाति के हैं। तो आपके जटिल सवाल, 'मैं पहले ईश मिश्र हूं कि पहले होमो सेपियंस?' का सीधा जवाब दिया दिया जा सकता। व्यक्तिगत बौद्धिक विकास की ऐतिहासिक दृष्टि से मैं पहले ईश मिश्र हूं, फिर होमो सेपियंस। मनुष्य सभ्यता के विकास की दृष्टि से पहले होमो सेपियंस हूं, फिर ईश मिश्र। अवध क्षेत्र का निवासी अवधी है और अवध के भारत में होने के चलते भारतीय। यह सवाल बेमतलब है कि वह पहले अवधी है कि पहले भारतीय? वह दोनों एक साथ है। कश्मीर भारत में है इसलिए कश्मीरी भारतीय है, उसी तरह जैसे पाक अधिकृत कश्मीर का कश्मीरी भारतीय। विभाजन रेखा के पश्चिम का पंजाबी पाकिस्तानी है और पूरब का भारतीय, उसी तरह जैसे पश्चिमी बंगाल का बंगाली भारतीय है और पूर्वी बंगाल का बांग्लादेशी।

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