वैसे तो नवाब था
मगर समझता खुद को सहंशाह
किसानोॆ ने जब हक़ माना
बना दिया उन्हें शैतान और हैवान
करने लगा उपवास शांति के लिए
पुलिस गोलीबारी में नहीं मरा कोई किसान
शहीद हुए वे देशभक्ति की मिशाल के लिए
पता चला जैसे ही यह रहस्य नवाब को
मुल्तवी कर दिया अनिश्चितकालीन उपवास
अनिश्चित काल के लिए
कम से कम तब तक के लिए
जब तक फिर नहीं उतरते किसान हैवानियत पर
और घेर लेते हैं राजभवन
इस बार सदा के लिए
(ईमिः11.06.2017)
No comments:
Post a Comment