RADICAL
Friday, February 11, 2022
कुछ भी नहीं है साश्वत परिवर्तन के सिवा
कुछ भी नहीं है साश्वत परिवर्तन के सिवा
जिसका भी अस्तित्व है, अवश्यंभावी है उसका अंत
हर निशा ऐलान है एक नए भोर का
हर पतझड़ के बाद आता है एक नया वसंत
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