कॉमर्सियल पाइलट पद से पैराशूट से पीएम पद पर गिरे राजनैतिक अनभिज्ञ राजीव गांधी ने चिदंबरम् तथा नरसिंह राव जैसे कांग्रेसी संघियों की सलाह से भाजपा को प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता से हराना चाहा, दुश्मन से दुश्मन के मैदान में, दुश्मन के हथियार से लड़ना चाहा, हार निश्चित थी, उत्तर भारत से कांग्रेस की लगभग स्थाई सफाई हो गयी। मस्जिद का ताला खुलवाना, चबूतरा बनवाना/बनने देना 40 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करना, मेरठ-मलियाना-हाशिमपुरा करवाना सब सीधे-सादे पाइलट की राजनैतिक मूर्खताएं थीं जिसने अडवाणी जैसे युद्धोंमादी-धर्मोंमादी को आक्रामक मंदिर अभियान का अवसर प्रदान किया, जिसने मुल्क में सांप्रदायिक विषवमन कर इतिहास का विमर्श ही बदल गया तथा मुल्क के दीर्घकालीन अधोगमन का पथ प्रशस्त किया।
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