दुनिया में इतनी बुरी चीजें हैं -- जैसे भुखमरी, बेईमानी, लूट, बलात्कार, हत्या, युद्ध ...,.. इतनी बुराइयां अगर ईश्वर की ही कृत्य हैं तब तो ईश्वर बहुत ही बुरा और निंदनीय है। अगर ईश्वर इन बुराइयों को दूर करना चाहता है लेकिन कर नहीं सकता तो ईश्वर कैसा? और यदि बुराइयां दूर कर सकता है लेकिन करना ही नहीं चाहता तो दुष्टता है। और यदि न कर सकता है न करना चाहता है तो अशक्ति और दुष्टता दोनों है।
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