मैं भाषा और भाव के स्तर के लिए शिक्षा को जिम्मेदार मानता हूं। हम विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को ज्ञान से नहीं ऐसी सूचनाओं और दक्षताओं से लैस करते हैं जो व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है। ज्ञान के लिए अलग से स्वतंत्र प्रयास करना पड़ता है। एक शिक्षक तथा जिम्मेदार नागरिक के रूप में मैं अपनेऔपचारिक तथा अनौपचारिक शिष्य-मित्रों के इस तरह के प्रयासों में यथासंभव मदद करने की कोशिस करता रहा हूं।
No comments:
Post a Comment