RADICAL
Thursday, November 22, 2018
गूंगे-बहरों की कायनात
यह गूंगे-बहरों की कायनात है
जो न सुन सकती तबाही के धमाके
न मचा सकती किसी भी बात पर शोर
आदतन सह लेती है सब जुल्म-जोर
(ईमि: 23.11.2018)
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