Manoranjan प्रणाम। अगर मैं आपके क्रांतिकारी नेता की तरह अवसरवादी होता तो दुर्घटनाबस बुढ़ापे की बजाय जवानी में नौकरी मिल जाती। विभिन्न विश्वविद्यालयों में 14 साल इंटरविव का अनुभव है। 2 लाइन का माफीनामा लिखकर जेयनयू से रस्टीकेसन से बच जाता तो शायद 1985-86 में जेयनयू में नौकरी मिल जाती। निराधार निजी आक्षेपों पर मैं भूल जाता हूं कि 44 साल पहले 20 का था, ऐसा नहीं होना चाहिए, मुझे सफेद दाढ़ी और शिक्षक होने का ख्याल करते हुए आपकी ही भाषा में जवाब नहीं देना चाहिए था। लेकिन बुड्ढों को भी गाली बुरी लगती है। सादर।
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