Dinesh Jindal शिशु मंदिर के कठमुल्मुले अाचार्य न सिर्फ नेहरू-गांधी तथा शहीदों के बारे में ब्रेनवाश करते हैं बल्कि मुसलमानों के प्रति नफरत भरने के लिये इतिहास का विकृत पाठ पढ़ाते हैं, दिमाग इस्तेमाल की स्वाभाविक प्रवृत्ति को कुंद कर बच्चे को अाजीवन अपाहिज कर देते हैं, यही काम शाखाओं के बौद्धिक प्रमुख भी करते हैं. इसका हल वैज्ञानिक शिक्षा के प्रसार तथा जनवादी जनचेतना का विस्तार तथा जनांदोलनों की धार का पैनापन. जब भी जनानांदोलनों की धार कुंद होती है प्रतिगामी ताकतों की मुखरता आक्रामक हो जाती है. मोदी विश्व बैंक तथा कॉरपोरेट के ज़रखरीद गुलाम की तरह तोबड़तोड़ शिक्षा विरोधी जनविरोधी नीतियां लागू कर रहा है, सशक्त विरोध न हुआ तो मुल्क तबाह हो जायेगा. प्रतिरोध-दमन-प्रतिरोध की प्रक्रिया में या तो आवाम जीतेगा या कॉरपोरेट या दोनों का विनाश.
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