RADICAL
Friday, August 29, 2014
नया अफ़साना
बचता नहीं कुछ जब पुराने में शुरू होता है नया अफ़साना
बचा है बहुत कुछ इस जमाने में जनने को एक नया ज़माना
मत हो रुख्सत ऐ दिल इस जमाने से होकर मायूस-ओ-हताश
बनाने को इसे और भी खूबसूरत करते रहना है सतत प्रयास
(इमि/२९.०८.२०१४)
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