हमें अपने अपने कॉलेजों में स्टाफ कौंसिल की बैठकों और अन्य आंदोलनात्मकयविमर्शात्मक तरीकों से विभागाध्यक्षों और संबद्ध समितियों पर दबाव डालना चाहिए कि सेमेस्टर और 4 साला की अफरातफरी की विसंगतियों को दूर कर जनतांत्रिक विचार-विमर्श से 2-013-14 बैच की समस्यायों के निराकरण और विवेकसम्मत पाठ्यक्रम निर्धारण का काम 21 जुलाई तक कर लेना चाहिए. लेकिन अगर 21 जुलाई तक पाठ्यक्रम निर्धारण, वर्कलोड, टाइम टेबल आदि की प्रक्रिया पूरी नहीं भी हो पाये तब भी सभी एढाक सहकर्मियों को नियुक्तिपत्र मिलना ही चाहिए. तलाश-ए-माश में मशगूल इंसान के लिए 2 महीने का वेतन बहुत महत्वपूर्ण है. औपचारिकताएं और पाठ्यक्रम को विवेकसम्मत बनाने, नियमित नियुक्तियों आदि के संघर्ष चलते रहेंगे.
हर जगह एक जैसा है भारत :)
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