RADICAL
Monday, July 14, 2014
हद है
लफंगों की छेड़खानी तो समझ आती है, चरित्र प्रमाणपत्र देने लगें, ये तो हद है
बजरंगियों की उत्पात समझ आती है, वे कलम चलाने लगें, ये तो हद है
(ईमिः15.07.2014)
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
July 15, 2014 at 8:29 PM
हा हा ।
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हा हा ।
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