RADICAL
Sunday, May 25, 2014
झूठों को झुकाने का ज़ज़्बा
सच मरता नहीं कितना भी बढ़ जाये झूठ का कुन्बा
अकेले सच में होता है सारे झूठों को झुकाने का ज़ज़्बा
(ईमिः25.05.2014)
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