RADICAL
Saturday, October 5, 2013
मकसद-ए-ज़िंदगी
इसीलिए कहता हूं बार बार
मकसद नहीं है जीवनेतर ज़िंदगी का
जीना एक सार्थक ज़िंदगी
है खुद एक मुकम्मल मकसद
बाकी सब होता है साथ-साथ
अनचाहे परिणाम की तरह
[ईमि/06.10.2013]
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