हा हा
haan ye toh hai..खाब कब सुनते हैं किसी की !
सपने देखना बंद होने से ज़िन्दगी रुक जाती है. पाश की एक कविता है, ".......सबसे बुरा है हमारे सपनो का मर जाना...."
हा हा
ReplyDeletehaan ye toh hai..खाब कब सुनते हैं किसी की !
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