RADICAL
Monday, April 22, 2013
यह जन्नत दोजख से बिलकुल कम नहीं
यह जन्नत दोजख से बिलकुल कम नहीं
हो आबरू सीने में तो कोइ गम नहीं
क़त्ल करते ऐसा खंजर पर आता ख़म नहीं
कातिल-ए-दिल कोई और है हम नहीं
मत दिखा जन्नत के सब्जबाग ऐ वाइज कहीं
ये तुम्हारे खुदा की दुनिया दोजख से कुछ कम नहीं
[ईमि/२३.०४.२०१३]
1 comment:
shalu
April 23, 2013 at 10:55 AM
Awesome..!!!
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
‹
›
Home
View web version
Awesome..!!!
ReplyDelete