RADICAL
Friday, March 29, 2013
टूट जाते हैं सभी हाथ हमारे गिरेबान तक आते आते
टूट जाते हैं सभी हाथ हमारे गिरेबान तक आते आते
माफ कर कमजर्फ हाथों को हैं हम खुदा से बड़े हो जाते .
[ईमि/२९.०३२०१३]
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment